प्रहरीदुर्ग जुलाई 2009 “अभी मेरा वक्त नहीं आया था” हर बात का एक वक्त होता है चुनाव करने का वक्त साफ-सफाई—ज़रूरी क्यों? एक बहादुर जवान एक न्यायी जो हमेशा इंसाफ करता है आपके सवाल कुछ प्रार्थनाओं का जवाब क्यों नहीं मिलता? ऐसा पेड़ “जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं” आपका बहुत-बहुत स्वागत है इंसान सिर्फ रोटी से ज़िंदा नहीं रह सकता—मैं कैसे नात्ज़ी जेलों में ज़िंदा बचा म्यानमार में तूफान के शिकार लोगों को राहत इंसान के बजाय परमेश्वर का भय मानने की पाँच वजह क्या आप जानते थे? क्या आप जानते थे? “मैं उसका दुःख अच्छी तरह जानता हूँ” क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग जुलाई 2009 प्रहरीदुर्ग जुलाई 2009 हिंदी प्रहरीदुर्ग जुलाई 2009 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/1add6d1d93/images/cvr_placeholder.jpg