सारांश
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राजा नबूकदनेस्सर ने बेचैन करनेवाला सपना देखा (1-4)
कोई भी ज्ञानी मतलब नहीं बता पाया (5-13)
दानियेल ने परमेश्वर से मदद माँगी (14-18)
रहस्य खोलने पर परमेश्वर की तारीफ (19-23)
दानियेल ने राजा को सपना बताया (24-35)
सपने का मतलब (36-45)
राज का पत्थर मूरत को चूर करेगा (44, 45)
राजा ने दानियेल का सम्मान किया (46-49)