दिखाएँ बाइबल की किताबें उत्पत्ति निर्गमन लैव्यव्यवस्था गिनती व्यवस्थाविवरण यहोशू न्यायियों रूत 1 शमूएल 2 शमूएल 1 राजा 2 राजा 1 इतिहास 2 इतिहास एज्रा नहेमायाह एस्तेर अय्यूब भजन नीतिवचन सभोपदेशक श्रेष्ठगीत यशायाह यिर्मयाह विलापगीत यहेजकेल दानियेल होशे योएल आमोस ओबद्याह योना मीका नहूम हबक्कूक सपन्याह हाग्गै जकरयाह मलाकी मत्ती मरकुस लूका यूहन्ना प्रेषितों रोमियों 1 कुरिंथियों 2 कुरिंथियों गलातियों इफिसियों फिलिप्पियों कुलुस्सियों 1 थिस्सलुनीकियों 2 थिस्सलुनीकियों 1 तीमुथियुस 2 तीमुथियुस तीतुस फिलेमोन इब्रानियों याकूब 1 पतरस 2 पतरस 1 यूहन्ना 2 यूहन्ना 3 यूहन्ना यहूदा प्रकाशितवाक्य अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 रोमियों के नाम चिट्ठी अध्याय 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 सारांश 1 नमस्कार (1-7) पौलुस ने रोम जाना चाहा (8-15) नेक जन अपने विश्वास से ज़िंदा रहेगा (16, 17) भक्तिहीनों के पास कोई बहाना नहीं (18-32) परमेश्वर के गुण सृष्टि में दिखते हैं (20) 2 वह यहूदियों और गैर-यहूदियों का न्याय करता है (1-16) ज़मीर कैसे काम करता है (14, 15) यहूदी और मूसा का कानून (17-24) दिल का खतना (25-29) 3 “परमेश्वर हर हाल में सच्चा साबित होता है” (1-8) यहूदी, गैर-यहूदी सब पाप के अधीन (9-20) विश्वास के ज़रिए नेक ठहरते हैं (21-31) परमेश्वर के शानदार गुण दिखाने में सब नाकाम (23) 4 अब्राहम विश्वास की वजह से नेक ठहरा (1-12) वह विश्वास करनेवालों का पिता है (11) विश्वास की वजह से वादा किया गया (13-25) 5 मसीह के ज़रिए परमेश्वर के साथ सुलह (1-11) आदम से मौत मिली, मसीह से जीवन (12-21) पाप और मौत सब इंसानों में फैल गयी (12) एक नेक काम (18) 6 मसीह में बपतिस्मा लेकर नयी ज़िंदगी (1-11) पाप को अपने शरीर में राज मत करने दो (12-14) पाप के गुलाम परमेश्वर के दास बने (15-23) पाप की मज़दूरी मौत; परमेश्वर का तोहफा ज़िंदगी (23) 7 कानून से छूटने के बारे में मिसाल (1-6) कानून से पाप ज़ाहिर हुआ (7-12) पाप के साथ लड़ाई (13-25) 8 पवित्र शक्ति के ज़रिए जीवन और आज़ादी (1-11) पवित्र शक्ति के ज़रिए गोद लिए जाते हैं (12-17) सृष्टि परमेश्वर के बच्चे होने की आज़ादी के इंतज़ार में (18-25) ‘पवित्र शक्ति हमारे लिए बिनती करती है’ (26, 27) परमेश्वर ने पहले से तय किया (28-30) परमेश्वर के प्यार की मदद से जीत (31-39) 9 पैदाइशी इसराएल के लिए पौलुस का दुख (1-5) अब्राहम के असली वंशज (6-13) परमेश्वर की पसंद पर सवाल नहीं उठाया जा सकता (14-26) क्रोध और दया के बरतन (22, 23) मुट्ठी-भर लोग ही उद्धार पाएँगे (27-29) इसराएल ने ठोकर खायी (30-33) 10 परमेश्वर की नज़र में नेक कैसे ठहरें (1-15) सबके सामने ऐलान (10) यहोवा को पुकारने से उद्धार मिलेगा (13) प्रचारकों के पाँव सुंदर (15) खुशखबरी स्वीकार नहीं की (16-21) 11 सभी इसराएली नहीं ठुकराए गए (1-16) जैतून के पेड़ की मिसाल (17-32) परमेश्वर की बुद्धि की गहराई (33-36) 12 शरीर का जीवित बलिदान चढ़ाओ (1, 2) शरीर एक, वरदान अनेक (3-8) मसीही जीवन के बारे में सलाह (9-21) 13 अधिकारियों के अधीन रहना (1-7) कर चुकाना (6, 7) प्यार करना कानून मानना है (8-10) ऐसे चलो जैसे दिन में शोभा देता है (11-14) 14 एक-दूसरे को दोषी मत ठहराओ (1-12) दूसरों को ठोकर मत खिलाओ (13-18) शांति और एकता कायम करो (19-23) 15 एक-दूसरे को अपनाओ जैसे मसीह ने अपनाया (1-13) पौलुस, राष्ट्रों का सेवक (14-21) पौलुस के सफर की योजना (22-33) 16 पौलुस फीबे नाम की बहन के बारे में बताता है (1, 2) रोम के मसीहियों को नमस्कार (3-16) फूट डालनेवालों के बारे में चेतावनी (17-20) पौलुस के सहकर्मियों का नमस्कार (21-24) पवित्र रहस्य अब ज़ाहिर हुआ (25-27) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें रोमियो—सारांश पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद रोमियो—सारांश हिंदी रोमियो—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001061100/univ/wpub/1001061100_univ_sqr_xl.jpg nwt रोमियों पेज 1857-1858